उजालों की कीमत शरारों से पूछो
जलें उम्र भर जो, सितारों से पूछो
होता है क्या यारो, दर्द-ए-जुदाई
ये दरिया के दोनों किनारों से पूछो
क्यों गुलसितां में हैं लाशें गुलों की
ये अब के बरस तुम, बहारों से पूछो
टंगी है जो तस्वीर, कितनी है दिलकश
ये कीलों से छलनी दीवारों से पूछो
है 'साहिल' उन्हें तुमसे कितनी मुहब्बत
न यूँ आज़माओ, न यारों से पूछो
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शरारों = चिंगारियां
बहुत अच्छी गज़ल कही है...पढ़कर बहुत अच्छा लगा...आना सार्थक हो गया..बहुत खूब
ReplyDeleteवीणा जी, हौसला अफजाई का शुक्रिया.........आते रहिये
ReplyDeleteभैय्या साहिल,
ReplyDeleteआप ग़ज़ल कह रहे हैं,अच्छी बात है.
अच्छे ग़ज़लकारों के संपर्क में रहें,लेखन बेहतर होगा.
आपकी ये ग़ज़ल हमराही पर भी है,
फूल खिलने में जल्दबाजी नहीं करते और आवाज़ भी नहीं करते.
शुभकामनायें
कुँवर कुसुमेश
ब्लॉग:kunwarkusumesh.blogspot.com
साहिल,
ReplyDeleteआनंद! आनंद! आनंद!
आशीष
--
प्रायश्चित
wah. behad sunder.
ReplyDeleteSaahil Bhai
ReplyDeleteMain to aaj hi aaya hoon aap ke blog par. aap bhi bahut sunder ghazalen kahate ho bahut bahut badhai
tangi hai jo tasveer kitani hai dilkash
ye keelon se chhalani divaaron se poochho
bahut sunder ek bar aur badhai
शुक्रिया आशीष और मृदुला जी
ReplyDeleteचंद्रभान जी आपको यहाँ पाकर बहुत ख़ुशी हुयी.
ReplyDeleteधन्यवाद !
उजालों की क़ीमत शरारों से पूछो
ReplyDeleteजले उम्र भर जो सितरों से पूछो
बहुत खूबसूरत मतला है...
होता है क्या यारो दर्दे-जुदाई
ये दरिया के दोनों किनारों से पूछो
वाह, बहुत उम्दा...
हर शेर...बहुत अच्छा है...मुबारकबाद.
और...देर से आने के लिए sorry.
शाहिद जी, आने का शुक्रिया!
ReplyDeleteवाह ! वाह ! वाह !...........
ReplyDeletewah! wah!wah!...kya baat kahi sahil jee aapne...
ReplyDeletetangi hai jo tasweer, kitni hai dilkash
ReplyDeleteye keelon se chalni deewaaron se poocho
amazing....!!!
aakhiri do dher bahut hi achche bane hain aur waise to puri gazal hi badhiya hai bhai
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