ये लिखी है बात किस किताब में
आपको रहना है बस नकाब में
कर दिया काँटों ने जब लहू से लाल
हुस्न और बढ़ गया गुलाब में
होश में बस वो के जिस को तू मिला
सब भटकते हैं यहाँ सराब में
सोच को मिलता नहीं कभी सुकून
हैं कई सवाल हर जवाब में
सो सके न फिर कभी हम उम्र भर **
कर गए वादा-ऐ-वस्ल खवाब में
कश्तियाँ 'साहिल' तुझे हैं ढूँढतीं
और तू डूबा है खुद सैलाब में
आपको रहना है बस नकाब में
कर दिया काँटों ने जब लहू से लाल
हुस्न और बढ़ गया गुलाब में
होश में बस वो के जिस को तू मिला
सब भटकते हैं यहाँ सराब में
सोच को मिलता नहीं कभी सुकून
हैं कई सवाल हर जवाब में
सो सके न फिर कभी हम उम्र भर **
कर गए वादा-ऐ-वस्ल खवाब में
कश्तियाँ 'साहिल' तुझे हैं ढूँढतीं
और तू डूबा है खुद सैलाब में
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सराब = mirage ; मर्गत्रिश्ना
** idea is taken from following of Ghalib's sher
ताफिर न इंतज़ार में नींद आये उम्र भर
आने का अहद कर गए, आये जो खवाब में