August 31, 2010

हैं कई सवाल हर जवाब में

ये लिखी है बात किस किताब में
आपको रहना है बस नकाब में

कर दिया काँटों ने जब लहू से लाल

हुस्न और बढ़ गया गुलाब में

होश में बस वो के जिस को तू मिला

सब भटकते हैं यहाँ सराब में

सोच को मिलता नहीं कभी सुकून

हैं कई सवाल हर जवाब में

सो सके न फिर कभी हम उम्र भर
**
कर गए वादा-ऐ-वस्ल खवाब में

कश्तियाँ 'साहिल' तुझे हैं ढूँढतीं

और तू डूबा है खुद सैलाब में
***********************
सराब = mirage ; मर्गत्रिश्ना 
** idea is taken from following of Ghalib's sher  
ताफिर न इंतज़ार में नींद आये उम्र भर 
आने का अहद कर गए, आये जो खवाब में  

August 30, 2010

कैसे कहूं तुमने मुझे बर्बाद किया है

ये ढंग मेरे क़त्ल का ईजाद किया है
मर जाऊं हिचकियों से इतना याद किया है

तूने सितम के या रहम सय्याद किया है
क्यों काट के पर अब मुझे आज़ाद किया है

जो तू नज़र से दूर है तो ग़म नहीं मुझे
तेरे ख्यालों ने ही मुझे शाद किया है

क्यों कर तुम्हे इलज़ाम दूं अपने नसीब का
कैसे कहूं तुमने मुझे बर्बाद किया है

कमाल का है आपका महल, बताईये?
कितनी जला के बस्तियां आबाद किया है
*******************************
ईजाद किया है = ढूँढा है , discover 
शाद = खुश, happy

ज़िन्दगी तो ज़िन्दगी भर अजनबी रही

इक कदम हमने ये पीछे गर हटा लिया 
वो समझते हैं के हमने सर झुका लिया

तीरगी जब तीर सी चुभने लगी हमें
दिल में तेरी याद का, दीपक जला लिया

ज़िन्दगी तो ज़िन्दगी भर अजनबी रही
एक पल मैं मौत ने अपना बना लिया

बंदगी हमने तो की दैर-ओ-हरम बगैर 
मूँद के आँखें कहीं भी सर झुका लिया

खुद के बारे मैं वो सबसे पूछता रहा
हाथ मैं उसने न लेकिन आईना लिया

हंस के उसने आपसे की दिल्लगी ज़रा
आपने 'साहिल' न सोचा, दिल लगा लिया!

**********************************************
तीरगी = अँधेरा, darkness
दैर-ओ-हरम = मंदिर और मस्जिद
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...