February 28, 2011

त्रिवेणियाँ



आईने से मिला था मैं हँस कर
आँख रोती हुई दिखाई दी
                आईना झूठ बोलता ही नहीं



रात के साहिलों पे हम ने भी
ख्वाब के कुछ महल बनाये थे
                 मौज-ए-सुबह में बह गया सब कुछ



ओढ़ कर रात सो गया सूरज,
ऊंघते हैं ये सब सितारे भी 
                   रतजगा चाँद को मिला क्यों है?



आढ़ी तिरछी सी खींच दी किसने?
कुछ लकीरें मेरी हथेली पर
                    इनमें ढूँढू भला तुम्हें कैसे?



18 comments:

  1. बहुत सुंदर ....आखिरी लाइने कमाल की हैं....

    ReplyDelete
  2. वाह भई वाह
    बहुत खूब

    ReplyDelete
  3. sari triveniyan achchi lagi bhai........

    ReplyDelete
  4. आनंद! आनंद! आनंद!
    आशीष
    ---
    लम्हा!!!

    ReplyDelete
  5. बड़े ही खुबसुरत ख्यालात है आपके। बेहतरीन त्रिवेणीयॉ।

    ReplyDelete
  6. रतजगा चाँद को मिला क्यों कर

    मौज ए सुबह मे बह गया सबकुछ

    इनमे ढूँढू भला तुम्हे कैसे

    बहुत बढ़िया …

    ReplyDelete
  7. waah bahut khoob .... aakhri antra to kamaal ka hai .. :)

    ReplyDelete
  8. ati sundar .inme dhoondhoo bhala tumhe kaise ?kitni masoomiyat bhari hai .....

    ReplyDelete
  9. आड़ी तिरछी सी खीँच दी किसने
    कुछ लकीरें मेरी हथेली पर

    इनमें ढूँढू भला तुम्हें कैसे ....?

    सुभानाल्लाह .....!!
    साहिल जी बहुत सुंदर .....

    ReplyDelete
  10. This has been very much awaited post after I went through your previous post under this label just because of the beauty and the wonderful rhythm lying in these Trivenis...
    while all these make a lovely piece of poetry but the first one is amazing for the truth hidden in it in really beautiful and philosophical way and I just loved the third one for the unique notion... सूरज और सितारों को सुलाने और चाँद को रतजगा देने का बेइन्तहा खूबसूरत ख़्याल...
    more three liners are awaited...
    Best wishes

    ReplyDelete
  11. aakhiri triveni par ham shaheed hue...subhaan'allah !

    bohot hi khoobsurat...

    ReplyDelete
  12. त्रिवेणियां मन को भा गईं।
    बहुत सुंदर।

    ReplyDelete
  13. बहुत खूब ... क्या समा बाँधा है इन त्रिवेनियों में .... लाजवाब है सब की सब ....

    ReplyDelete
  14. भारतीय ब्लॉग लेखक मंच की तरफ से आप, आपके परिवार तथा इष्टमित्रो को होली की हार्दिक शुभकामना. यह मंच आपका स्वागत करता है, आप अवश्य पधारें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो "फालोवर" बनकर हमारा उत्साहवर्धन अवश्य करें. साथ ही अपने अमूल्य सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ, ताकि इस मंच को हम नयी दिशा दे सकें. धन्यवाद . आपकी प्रतीक्षा में ....
    भारतीय ब्लॉग लेखक मंच

    ReplyDelete
  15. कम शब्दों में अच्छी प्रस्तुति.

    ReplyDelete
  16. रतजगा चाँद को मिला क्यूँ है ? वाह !...कभी इस अंदाज़ में सोचा ही नहीं ।

    Fantastic !

    .

    ReplyDelete

यहाँ आने का और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियों से नवाज़ने का शुक्रिया!

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...