मेरी किस्मत का सितारा गुम रहा
था मुझे जिसका सहारा गुम रहा
अब जनाज़े पर चला है शौक से
जीते जी क्यों शहर सारा गुम रहा
फिर नहीं अपनाएंगे ऐ दिल! तुझे
इस कदर जो तू दोबारा गुम रहा
ज़ुल्फ़ आधी खोल के वो सो गए
इसलिए तो चाँद सारा गुम रहा
जिसने वादा साथ चलने का किया
हमसफ़र वो ही हमारा गुम रहा
आखिरी शब तेरी गलियों में दिखा
और फिर 'साहिल' आवारा गुम रहा
था मुझे जिसका सहारा गुम रहा
अब जनाज़े पर चला है शौक से
जीते जी क्यों शहर सारा गुम रहा
फिर नहीं अपनाएंगे ऐ दिल! तुझे
इस कदर जो तू दोबारा गुम रहा
ज़ुल्फ़ आधी खोल के वो सो गए
इसलिए तो चाँद सारा गुम रहा
जिसने वादा साथ चलने का किया
हमसफ़र वो ही हमारा गुम रहा
आखिरी शब तेरी गलियों में दिखा
और फिर 'साहिल' आवारा गुम रहा