January 04, 2012

मेरे लिए फिर सहर है आगे

बहुत सुहाना सफ़र है आगे
के फिर उसी का शहर है आगे

मुझे पता है, सियाह रातों
मेरे लिए फिर सहर है आगे

लगी हुई है जो भीड़ इतनी,
किसी दीवाने का घर है आगे

सफ़र समंदर का, मत शुरू कर
जो डूब जाने का डर है आगे

ये चलना 'साहिल' भी क्या है चलना
ख्याल पीछे, नज़र है आगे


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