November 08, 2011

दुनिया से हरदम मिलते हैं, खुद से लेकिन कम मिलते हैं


दुनिया से हरदम मिलते हैं
खुद से लेकिन कम मिलते हैं


आशिक हैं वो, सुबह-सवेरे
जिनके तकिये नम मिलते हैं

जब भी देखूं तेरा चेहरा
ज़ख्मों को मरहम मिलते हैं

वो क्या जाने प्यास हमारी,
जिनको जाम-ओ-जम मिलते हैं

तेरी यादों से, आँखों को,
बारिश के मौसम मिलते हैं

'साहिल', हैं सब कहने वाले
सुनने वाले, कम मिलते हैं


21 comments:






  1. प्रियवर साहिल जी
    सस्नेहाभिवादन !

    आपके यहां से कोई कभी अतृप्त नहीं लौट सकता … :)
    हमेशा की तरह बहुत प्यारी और मुकम्मल ग़ज़ल के लिए शुक्रिया और मुबारकबाद !

    हर शे'र ख़ूबसूरत है … यह अपने साथ लिये' जा रहा हूं -
    तेरी यादों से आंखों को
    बारिश के मौसम मिलते हैं



    बधाई और मंगलकामनाओं सहित…
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

    ReplyDelete
  2. # मेल द्वारा अपनी मेल आई डी भेजने की कृपा करें ।
    और अपने मोबाइल नं. भी
    कभी संवाद होने की भी संभावना रहे …

    मेरे मोबाइल नं. 9314682626

    ReplyDelete
  3. साहिल जी खूबसूरत गजल ..जब भी देखूं तेरा चेहरा जख्मों को मरहम ...वाह
    भ्रमर ५

    ReplyDelete
  4. वाह...बहुत भावपूर्ण रचना...बधाई
    नीरज

    ReplyDelete
  5. वाह साहिल साहब ... मतले के शेर ने ही बाँध लिया ...
    कमाल के शेर हैं सभी ... तेरी यादों से आँखों को ... क्या कमाल की लाइन है ... और फिर आखिर वाला शेर ... साहिल हैं सब कहने वाले ... आज की हकीकत बयान कर रहा है ... सुभान अल्ला ... बहुत बहुत बधाई इस लाजवाब गज़ल पे ...

    ReplyDelete
  6. इस खूबसूरत और भावपूर्ण रचना के लिए बधाई स्वीकारें

    नीरज

    ReplyDelete
  7. बढ़िया प्रस्तुति
    Gyan Darpan

    ReplyDelete
  8. खुबसूरत भावपूर्ण रचना....

    ReplyDelete
  9. आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें
    चर्चा मंच-694:चर्चाकार-दिलबाग विर्क

    ReplyDelete
  10. हर शेर पर दाद कबूल कीजिये

    ReplyDelete
  11. haan ....sunnewale to kam hi milte hain......

    ReplyDelete
  12. बहुत ख़ूबसूरत एवं भावपूर्ण रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/

    ReplyDelete
  13. बहुत सुन्दर गज़ल साहिल जी...
    सादर बधाई...

    ReplyDelete
  14. बेहतरीन गज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे

    ReplyDelete
  15. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण

    ReplyDelete
  16. बहुत खूब.......दूसरा और आखिरी शेर सबसे बढ़िया |

    ReplyDelete
  17. अच्छी रचना, अच्छे भाव

    ReplyDelete
  18. तेरी यादों से आँखों को
    बारिश के मौसम मिलते हैं

    बढ़िया शेर......उम्दा ग़ज़ल

    ReplyDelete
  19. वाह वाह ! क्या खूब ग़ज़ल कही है साहिल साहब...
    दुनिया से हरदम मिलते हैं,
    खुद से लेकिन कम मिलते हैं... क्या लाजवाब शेर है...
    तेरी यादों से आँखों को,
    बारिश के मौसम मिलते हैं.... बहुत बढ़िया !!!

    ReplyDelete
  20. bahut badhiya gazal hai bhai

    ReplyDelete

यहाँ आने का और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियों से नवाज़ने का शुक्रिया!

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...