हैरतों में ये उजाला पड़ गया
जुगनुओं के मुंह पे ताला पड़ गया
आपकी उजली हंसी को देखकर
चाँद का भी रंग काला पड़ गया
************************************
खिज़ा में भी फिज़ा के कुछ इशारे मिल ही जाते हैं
अँधेरी रात हो कितनी, सितारे मिल ही जाते हैं
जिसे तेरी मुहब्बत के सहारे मिल गए, उसको
बहुत हो तेज़ तूफां, पर किनारे मिल ही जाते हैं
*************************************
जाने क्यूँ झूठा तराना लिख रहे हो
मौसमों को आशिकाना लिख रहे हो
इक परिंदे सा क़फ़स में कैद हूँ मैं
आप इसको आशियाना लिख रहे हो!
जुगनुओं के मुंह पे ताला पड़ गया
आपकी उजली हंसी को देखकर
चाँद का भी रंग काला पड़ गया
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खिज़ा में भी फिज़ा के कुछ इशारे मिल ही जाते हैं
अँधेरी रात हो कितनी, सितारे मिल ही जाते हैं
जिसे तेरी मुहब्बत के सहारे मिल गए, उसको
बहुत हो तेज़ तूफां, पर किनारे मिल ही जाते हैं
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जाने क्यूँ झूठा तराना लिख रहे हो
मौसमों को आशिकाना लिख रहे हो
इक परिंदे सा क़फ़स में कैद हूँ मैं
आप इसको आशियाना लिख रहे हो!
वाह भई साहिल जी
ReplyDeletebahut badhiya ..ise hi roshni ki kiran talaashna kahte hain..
ReplyDeleteबहुत लाजवाब ,,, अंतिम मुक्तक तो बहुत कमाल का है साहिल जी ...
ReplyDeleteबहुत दिनों बाद आपको पढ़ना हुवा ...
Waah Waah Waah saahil sahab !
ReplyDeleteEk se ek badhkar aur laajawaab muktak !!
Likhte rahiye.
Bahut si shubhkaamnaayen !!!
शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन.
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें.
आपका ब्लॉग देखा मैने और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥
♥नव वर्ष मंगबलमय हो !♥
♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥
♥ आपकी उजली हंसी को देखकर
चाँद का भी रंग काला पड़ गया
♥ जिसे तेरी मुहब्बत के सहारे मिल गए, उसको
बहुत हो तेज़ तूफां, पर किनारे मिल ही जाते हैं
वाह ! वाऽह ! वाऽऽह ! क्या बात है !
प्रियवर साहिल जी
तीनों मुक्तक जबरदस्त हैं ...
एक से बढ़कर एक !
वैसे जनाब ! वर्ष भर में मात्र तीन पोस्ट्स !
ज्यादती नहीं लगती यह अपने चाहने वालों के साथ ?
:)
नई ग़ज़ल का इंतज़ार रहेगा ...
नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित…
राजेन्द्र स्वर्णकार
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यूँ ही आपके blog पर नज़र पड़ी.....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचनाएं..
लिखना कम न करें.
अनु
आपने बहुत ही शानदार पोस्ट लिखी है. इस पोस्ट के लिए Ankit Badigar की तरफ से धन्यवाद.
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