'राजा-रानी' याद किसे?
एक कहानी याद किसे?
बरसों बीते गाँव गए
बूढी नानी याद किसे?
किसने किसका तोडा था दिल
बात पुरानी याद किसे?
एक नदी सागर में खोई
वो दीवानी याद किसे?
बरसों बीते सूखे में, अब
बादल-पानी याद किसे?
नफरत हो बैठा है मज़हब,
प्यार के मानी याद किसे?
'साहिल' गुज़रा तूफां, तेरी
मेहरबानी याद किसे?
वाह वाह !!! छोटे बहर में एक और खूबसूरत ग़ज़ल...
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन लिखा है आपने, हर एक शेर अपने आप में मुकम्मल...
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ !!!
बेहद शानदार लाजवाब गज़ल । एक-एक शे’र लाजवाब।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबरसो बीते सूखे में, अब
बदल-पानी याद किसे
वाह वाह
बहुत ही सुंदर गजल। आपका धन्यवाद।
ReplyDeleteखूबसूरत ग़ज़ल|
ReplyDeleteगज़ब के शेर कहें है सब ... सीधे दिल में उतर गए ... सीधे शब्दों में गहरी बात साहिल जी ...
ReplyDeletewaah bhai,is gazal ke chote chote sher bahut bada asar rakhte hain..........
ReplyDeleteनफरत हो बैठा है मज़हब
ReplyDeleteप्यार की मानी याद किसे.
बहुत सुन्दर...यथार्थपरक ग़ज़ल....
बरसों बीते, गाँव गए
ReplyDeleteबूढ़ी नानी याद किसे
इस खूबसूरत शेर से होते हुए
पूरी ग़ज़ल कामयाबी की मंज़िल तय कर गयी है...
मुबारकबाद .
khubsurat gazal...
ReplyDeleteनफरत हो बैठा है मज़हब
ReplyDeleteप्यार के मानी याद किसे '
,,,,,,,,,,,,,,,बेहतरीन शेर ....उम्दा ग़ज़ल