July 16, 2011

एक कहानी याद किसे?

'राजा-रानी' याद किसे?
एक कहानी याद किसे?

बरसों बीते गाँव गए

बूढी नानी याद किसे?

किसने किसका तोडा था दिल

बात पुरानी याद किसे?

एक नदी सागर में खोई

वो दीवानी याद किसे?

बरसों बीते सूखे में, अब

बादल-पानी याद किसे?

नफरत हो बैठा है मज़हब,

प्यार के मानी याद किसे?

'साहिल' गुज़रा तूफां, तेरी

मेहरबानी याद किसे?

11 comments:

  1. वाह वाह !!! छोटे बहर में एक और खूबसूरत ग़ज़ल...
    बहुत ही बेहतरीन लिखा है आपने, हर एक शेर अपने आप में मुकम्मल...
    बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएँ !!!

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  2. बेहद शानदार लाजवाब गज़ल । एक-एक शे’र लाजवाब।

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  3. बहुत सुन्दर
    बरसो बीते सूखे में, अब
    बदल-पानी याद किसे

    वाह वाह

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  4. बहुत ही सुंदर गजल। आपका धन्यवाद।

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  5. AnonymousJuly 18, 2011

    खूबसूरत ग़ज़ल|

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  6. गज़ब के शेर कहें है सब ... सीधे दिल में उतर गए ... सीधे शब्दों में गहरी बात साहिल जी ...

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  7. waah bhai,is gazal ke chote chote sher bahut bada asar rakhte hain..........

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  8. नफरत हो बैठा है मज़हब
    प्यार की मानी याद किसे.

    बहुत सुन्दर...यथार्थपरक ग़ज़ल....

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  9. बरसों बीते, गाँव गए
    बूढ़ी नानी याद किसे

    इस खूबसूरत शेर से होते हुए
    पूरी ग़ज़ल कामयाबी की मंज़िल तय कर गयी है...
    मुबारकबाद .

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  10. नफरत हो बैठा है मज़हब
    प्यार के मानी याद किसे '
    ,,,,,,,,,,,,,,,बेहतरीन शेर ....उम्दा ग़ज़ल

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यहाँ आने का और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियों से नवाज़ने का शुक्रिया!

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