August 31, 2010

हैं कई सवाल हर जवाब में

ये लिखी है बात किस किताब में
आपको रहना है बस नकाब में

कर दिया काँटों ने जब लहू से लाल

हुस्न और बढ़ गया गुलाब में

होश में बस वो के जिस को तू मिला

सब भटकते हैं यहाँ सराब में

सोच को मिलता नहीं कभी सुकून

हैं कई सवाल हर जवाब में

सो सके न फिर कभी हम उम्र भर
**
कर गए वादा-ऐ-वस्ल खवाब में

कश्तियाँ 'साहिल' तुझे हैं ढूँढतीं

और तू डूबा है खुद सैलाब में
***********************
सराब = mirage ; मर्गत्रिश्ना 
** idea is taken from following of Ghalib's sher  
ताफिर न इंतज़ार में नींद आये उम्र भर 
आने का अहद कर गए, आये जो खवाब में  

1 comment:

  1. हर शेर लाजवाब...'होश में बस वो
    के जिसको तू मिला'...रूहानियत की बहुत खूब और सच्ची रंगत है इस शेर में...और ग़ालिब के शेर को भी खूब अंदाज़ में कहा आपने...

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